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Friday, February 17, 2012

Rewa - I

सर्दियों की सुबह का वो वक़्त होता है ना - जब आपको ज़बरदस्ती उठाया जा रहा हो, और आप "पाँच मिनट और" कहके दूसरी ओर करवट ले कर सो जाते हैं - रीवा शहर दिन के उसी वक़्त जैसा है. जागा हुआ, पर उनींदा.

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