Sunday, October 23, 2016

जड़ें

वे कहते हैं, अपनी जड़ें खोजो
नहीं खोजनी मुझे, अपनी जड़ें

नहीं जाना उस महिमामंडित गहराई में,
जिसकी वे बातें करते हैं -
जिससे निकलने में
सारी आयु और ऊर्जा लगा डाली

नहीं चाहिए वो स्थिरता
जिसको खोने में
अपनी स्वतंत्रता पाई है

सही है,
कि कुछ लोग वृक्ष होते हैं
जो फल और फूल
छाया और स्थिरता सब देते हैं

पर कुछ वायु भी होते हैं
कुछ भ्रमर भी होते हैं
जो बीजों को पहुँचाते हैं अपने पंखों पर बिठा
उन जगहों पर,
जहाँ उस वृक्ष की छाया नहीं पहुँचती
और जड़ें भी

और देते हैं अवसर मरुओं को
ख़ुद की छाया और फल और फूल उपजाने का

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